Sunday, September 2, 2012

नेता सब खाते हैं, कोयला नया पकवान है



नेताओं के भोजन मे कोयला नया पकवान है। इसका स्वाद मीठा है या नमकीन यह तो इसे खाने वाले नेता ही बता सकते हैंलेकिन इतना कयास अवश्य लगाया जा सकता है कि यह पकवान अत्यंत ही पौष्टिक होगा। कैग (नियंत्रक-महालेखापरीक्षक - Comptroller and Auditor General – CAG) के द्वारा पेश किया गया 1.86 लाख करोड़ रुपए का कोयला घोटाले का प्रतिवेदन इस पदार्थ की पौष्टिकता पर मुहर लगाता है। दरअसल नेता सब खाते हैं - जीव, निर्जीव, दृश्य, अदृश्य, जो मिल जाए। इनके खाने की क्षमता असीमित होती है। ये जो भी खाते हैं, तुरंत पचा लेते हैं।

हालाँकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बात से इत्तेफ़ाक नही रखते। वे स्वयं को सुधारवादी मानते हैं, नेता नही। उनका कहना है कि कोयला उनकी प्लेट मे राज्यों ने डाल दिया, लेकिन उन्होने उसे कभी खाया नही। कैग कहता है - सब नेता यही कहते हैं। जब ग़लती पकड़ मे आ जाती है तो लोग दार्शनिक बन जाते हैं।

कांग्रेस कहती है कि कोयले का असली रंग तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर चढ़ा है और इस बात की पुष्टि वहाँ के कैग ने अपने प्रतिवेदन मे किया है। रमन सिंह कहते हैं - कैग झूठा है, मैं तो पिछले आठ सालों से उपवास कर रहा हूँ। कांग्रेस कहती है - आपके फलाहर मे कोयला शामिल था।

65 साल पहले देश स्वतंत्र हुआ - केवल एक दिन के लिए! क्योंकि  नेताओं ने दूसरे दिन इसे फिर परतंत्र बना दिया। नए भारत के निर्माण के लिए विकास का नारा दिया गया। सर्वप्रथम बुनियादी सुविधा -  जैसे सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य एवम् शिक्षा के व्यापक विस्तार की आवश्यकता थी। इतने बरसों मे इन सुविधाओं को देश के कोने-कोने मे पहुँच जाना था, परंतु नेताओं ने अभाव बनाए रखा और अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेंकते रहे। नेताओं ने देश की नींव को ही चबा डाला है, विकास क्या खाक होगा।

 राजनीति सदा से सत्ता प्राप्ति के लिए की जाती रही है। सत्ता मे आते ही नेताओं के सामने विविध पकवानों के ढेर लग जाते हैं। उनका केवल एक ही काम होता है - पाँच साल के लिए मुँह को खुला रखना, खिलाने का काम हज़ारों-हज़ार लोग करते हैं।

जो नेता सत्ता मे नही होते वे सत्तासीन लोगों को ब्लैकमेल करके खाते हैं। राजनीति मे कभी किसी नेता की हार नही होती। चुनावों के परिणाम का अर्थ है - पाँच साल का पुरस्कार या तिरस्कार, परंतु खाने के मौके सभी के लिए बराबर होते हैं।    

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